रूस ने अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता दी

अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता को रूस ने आधिकारिक मान्यता दे दी है। ऐसा करने वाला रूस दुनिया का पहला देश बन गया है।  यह घोषणा गुरुवार को काबुल में अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी और अफगानिस्तान में रूस के राजदूत दिमित्री झितालिबान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जिया अहमद तकाल ने भी AFP को पुष्टि करते हुए कहा कि रूस पहला देश है जिसने इस्लामिक अमीरात को आधिकारिक मान्यता दी है।रनोव के बी  रूस के अफगानिस्तान मामलों के विशेष प्रतिनिधि जामिर काबुलोव ने रिया नोवोस्ती ने तालिबान सरकार को मान्यता देने की पुष्टि की।  रूसी विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी कर कहा कि इस्लामिक अमीरात की सरकार को मान्यता देने से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग तेजी से बढ़ेगा। चीन, पाकिस्तान और ईरान जैसे कई देशों ने अपने-अपने यहां तालिबान राजनयिकों को तैनात कर रखा है, लेकिन अभी तक किसी ने भी तालिबान शासन को आधिकारिक मान्यता नहीं दी थी।  बैठक के बाद की गई।  तालिबान सरकार ने रूस के इस कदम को बहादुरी भरा फैसला बताया है। जब एक देश दूसरे देश को आधिकारिक मान्यता देता है, तो वह उसे एक स्वतंत्र राष्ट्र मानता है। यानी उस देश की अपनी सरकार है, अपनी सीमा है और वह दुनिया के दूसरे देशों से रिश्ते बना सकता है। यह मान्यता 1933 की मोंटेवीडियो संधि जैसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों पर आधारित होती है। इसके लिए चार शर्तें होती हैं, स्थायी आबादी, सीमा, सरकार और विदेशों से संबंध बनाने की क्षमता। मान्यता मिलने से किसी देश को वैधता, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में जगह और दूसरे देशों से व्यापार व रिश्ते बनाने का मौका मिलता है।