राजहंस गृह निर्माण सोसायटी लि. फुलेरा ने अपने कार्यक्षेत्र के बाहर काट दी दर्जनों कॉलोनियां, हर नियम को तांक पर रखा, बीते कई सालों से ऑडिट तक नहीं
आशियाने का सपना संजोए निर्दोषों के साथ हो रहा खिलवाड़, कार्यक्षेत्र सिर्फ फुलेरा नगर पालिका लेकिन राजधानी के कोने-कोने पर धोखाधड़ी, 2014-16 के ऑडिट में बताई सिर्फ एक योजना
जयपुर। गृह निर्माण सोसायटियों द्वारा बैक डेट में पट्टे देना जैसे घपले तो आम बात है लेकिन आज एक ऐसी सोसायटी की बात हो रही है जिसने हर घोटाले की हद पार दी है। इस सोसायटी का नाम है जयपुर ग्रामीण की राजहंस गृह निर्माण सोसायटी लि. फुलेरा। कहने को तो इस सोसायटी का कार्यक्षेत्र फुलेरा नगर पालिका तक सीमित है लेकिन इस सोसायटी ने हर नियम को तांक पर रखते हुए राजधानी के कई क्षेत्रों में अपना जाल फैला रखा है। अपनी इन धांधलियों को छिपाने के लिए इस राजहंस गृह निर्माण सोसायटी लि. फुलेरा द्वारा ऑडिट ही नहीं करवाई जाती जो कि खुद अपने आप में बड़ा फर्जीवाड़ा है। आरोपों के अनुसार अब तक इस सोसायटी द्वारा अपने कार्यक्षेत्र से बाहर दर्जनों कॉलोनियां काट दी गई और 2014-16 के बाद से कोई ऑडिट भी नहीं करवाई गई है। सोसायटी द्वारा धांधली कर काटी गई इन कॉलोनियों में ना तो कोई सुविधा ही मयस्सर होती है बल्कि अपने खून पसीने से कमाए रुपयों को निवेश कर आशियाने का सपना संजोने वाले निर्दोषों के सपनों को भी यह सोसायटी चकनाचूर कर रही है। अब इस बाबत सहकारी समितियां जयपुर ग्रामीण के उप रजिस्ट्रार को शिकायत दर्ज करवाई गई है और इस सोसायटी पर तुरंत कार्रवाई की मांग की गई है। आरोपों के अनुसार राजहंस गृह निर्माण सोसायटी लि. फुलेरा द्वारा संशोधित उपनियमों की धारा (सी) का उल्लंघन करते हुए निजी खातेदारों से भूमि क्रय कर जेडीए सीमा क्षेत्र में अवैध तरीके से कई कॉलोनियों को विकसित कर बेचा गया है। यह खेल निरंतर अब तक जारी है।
राजहंस गृह निर्माण सोसायटी लि. फुलेरा द्वारा काटी गई फर्जी कॉलोनियों की झलक
राजहंस गृह निर्माण सोसायटी लि. फुलेरा द्वारा नियम विरुद्ध काटी गई कॉलोनियों की बात करें तो इनमें अमन बाग कालवाड़, आजाद नगर तृतीय कालवाड़, प्रताप नगर कालवाड़, मनु वाटिका कालवाड़, ईश्वर नगर विस्तार कालवाड़, ईश्वर नगर प्रथम कालवाड़, निर्माण नगर कालवाड़, शुभम बाग मालीवाड़ा कालवाड़, हिंद वाटिका कालवाड़, ईश्वर नगर तृतीय कालवाड़, हरि नगर मांचवा, नारायण नगर चंपापुरा, संभव एन्क्लेव जाहोता, शिवांचल एन्क्लेव भम्भोरी, बजरंग वाटिका माज्या मोड़ धानक्या, शिवांचल एन्क्लेव भम्भौरी, श्री श्याम विहार सांचोती, गोपाल एन्क्लेव हाथोज शामिल है। इनके अलावा निवारू, बोयतावाला, नांगल जैसा बोहरा, खोरा बीसल, बिंदायका, सिंवार, निमेड़ा, सांझरिया, दहमीकलां, बगरू, कपूरावाला, मुकंदपुरा, बैनाड़, मंशारामपुरा, सिरसी, आगरा रोड पर कई कॉलोनियों को काटकर बेचा जा रहा है।
कार्यक्षेत्र नगर पालिका फुलेरा तक सीमित, धांधली छिपाने के लिए ऑडिट से परहेज
सोसायटी द्वारा वर्षवार ऑडिट करवाकर उप नियम धारा 14 के अनुसार प्रतिवर्ष 31 मार्च को संस्था के सदस्यों की सूची तैयार कर आमसभा को संप्रेषित की जानी चाहिए थी। जबकि उक्त सोसायटी द्वारा वर्ष 2014 से वर्ष 2016 के बाद आज तक ऑडिट नहीं करवाई गई है, जो कि सरासर गलत है। जबकि उक्त कॉलोनियां राजहंस गृह निर्माण सहकारी समिति लिमिटेड के कार्यक्षेत्र में नहीं आती है। वर्तमान में समिति सिर्फ नगर पालिका फुलेरा तक सीमित है। सोयायटी द्वारा नियम एवं उपनियमों के विरुद्ध जाकर काम किया जा रहा है, जो गलत है। इतना ही नहीं बल्कि इस सोसायटी द्वारा इसके अलावा भी कई बड़े फर्जीवाड़ों को अंजाम दिया गया है जिनका खुलासा ‘हमारा समाचार’ आगामी अंकों में करने जा रहा है।
पिछली ऑडिट में बताई सिर्फ एक आवासीय योजना, जमीनी हकीकत कह रही कुछ और 2014-2016 में हुई आखिरी ऑडिट में पाया गया गया कि सोसायटी द्वारा वर्ष 1988 से 2016 के बीच महज आवासीय योजपा दादू नगर फुलेरा का सृजन किया गया है। जबकि अगर जमीनी हकीकत देखी जाए तो राजहंस गृह निर्माण सोसायटी लि. फुलेरा द्वारा दर्जनों कॉलोनियों को काट कर ग्राहकों के साथ धोखा किया गया है। हमारा समाचार ने राजहंस गृह निर्माण सोसायटी लि. फुलेरा द्वारा सृजित चंद कॉलोनियों का इस अंक में खुलासा किया है लेकिन इसके अलावा भी फर्जीवाड़ों की लंबी फेहरिस्त है। अब मांग उठ रही है कि सोसायटी का रिकॉर्ड जब्त कर सासायटी एवं वर्तमान पदाधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
यूडीएच मंत्री कर चुके हैं ऐसी समितियों पर अंकुश के लिए नए सहकारिता अधिनियम का ऐलान
नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने हाल ही में विधानसभा में कहा कि नए सहकारिता अधिनियम में गृह निर्माण सहकारी समितियों पर अंकुश के लिए विशेष प्रावधान किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नया सहकारिता अधिनियम बनाया जाना प्रक्रियाधीन है। इस अधिनियम में गृह निर्माण सहकारी समितियों पर अंकुश के लिए विशेष प्रावधान किये जाएंगे ताकि निजी ‘कॉलोनाइजरों’ द्वारा की जाने वाली अनियमितताओं को रोका जा सके। खर्रा ने कहा कि निजी क्षेत्र में विकसित की जाने वाली कॉलोनियां स्थानीय निकाय से अनुमोदन के बिना ही बना कर दी जाती हैं। इनमें आवश्यक सुविधाएं भी नहीं होती, जिसका नुकसान आमजन को उठाना पड़ता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि नवीन सहकारिता अधिनियम में गृह निर्माण सहकारी समितियों द्वारा विकसित की जाने वाली कॉलोनियों में समस्त आवश्यक सुविधाएं विकसित किया जाना अनिवार्य होगा तथा नियमों का उल्लंघन करने पर कठोर कार्यवाही के प्रावधान होंगे।