अपनों ने ही ‘सरकार को फंसा दिया’..झुके नहीं सीएम; लगाई जमकर लताड़!

बजट सत्र का पहला चरण हंगामेदार, अभी बड़े बवाल के आसार.. 

किरोड़ी लाल मीणा के फोन टैपिंग और जासूसी के आरोपों के बाद विपक्ष ने विधानसभा में जमकर काटा बवाल, मुख्यमंत्री का मांगा इस्तीफा, सियासत गर्म


हंगामे के बीच राज्यपाल के अभिभाषण के बहस पर जवाब में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दो घटों तक विपक्ष पर किया हमला, कहा-चार साल बाद कांग्रेस के विधायक सदन में नहीं दिखेंगे?


विधानसभा की कार्यवाही 19 फरवरी तक के लिए स्थगित, बजट के दौरान भी विपक्ष ने की सरकार को घेरने की तैयारी, सदन के अंदर और बाहर बवाल  

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में सत्ता और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का नया अध्याय लिखा गया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कांग्रेस के हंगामे के बीच राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस का जवाब दिया और विपक्ष को कठघरे में खड़ा किया। खासतौर पर राज्यपालके न बोलने को लेकर मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए इसे पार्टी की अंदरूनी कलह करार दिया। हंगामे के बीच विपक्षी विधायक नारे फोन टैपिंग बंद करो, मुख्यमंत्री इस्तीफा दो के नारे लगाते रहे। मुख्यमंत्री ने 2 घंटे तक राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब दिया। विधानसभा में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि किसान से हमने वादा किया है कि 2027 तक किसान को दिन में बिजली देंगे। यह डबल इंजन की सरकार है और इसके आगे जो आकर टकराएगा। उसका परिणाम क्या होगा यह भी जानते हैं। राजस्थान की जनता को विश्वास दिलाता हूं कि हम संकल्प पत्र को पूरा करेंगे। 1 साल के भीतर 55 प्रतिशत वादे पूरे किए हैं।
विधानसभा में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जिले और संभाग के पुनर्गठन को लेकर कहा कि गुटबाजी और चहेतों को खुश करने के लिए रातों-रात जिले बना दिया। 67 साल में कांग्रेस सरकार ने मात्र एक जिला बनाया। जिले और संभाग बनाने थे तो सरकार जब आई थी तभी बना देते। कांग्रेस में जहां-जहां नए जिले बनाए वहीं जनता ने उसे नकार दिया। हम राजस्थान की जनता और जिले का हित देखते हैं। इन्हें राजनीतिक फायदा हो तो यह चंद्रमा पर प्लॉट देने का आश्वासन दे दें। कांग्रेस ने अपने फायदे के लिए एक पंचायत तक को जिला बना दिया।
विधानसभा में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य में 59 हजार से ज्यादा पदों पर नियुक्ति दी जा चुकी है, जो वेबसाइट पर उपलब्ध है। 172990 पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। 81000 भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर जारी किया गया है। विधानसभा में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार, महंगाई, सांप्रदायिक दंगों में नंबर वन रही। पेट्रोल-डीजल कीमतों में नंबर वन, महंगाई में नंबर वन,बिजली की कीमतों में नंबर वन रही। पसीना मेरे जीवन का सोपान है और यही मेरे जीवन का आधार है आपकी तरह होटल में नहीं रुका हूं मैं। एक-एक साल तक होटल में नहीं रुका, यह पसीना किसान के बेटे का है। मैं ब्याज भी सूद समेत चुकता हूं, यह गलतफहमी निकाल देना। पशु बीमा योजना हमने दी आपने नहीं दी। हमारी अन्नपूर्णा योजना का नाम किसने बदला। इन्होंने तो हमारी राजस्थान नहर का नाम भी इंदिरा गांधी नहर कर दिया।

राजस्थान और पूरे देश से कांग्रेस होने वाली है भस्म: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान और पूरे देश से कांग्रेस भस्म होने वाली है। दिल्ली का परिणाम आने वाला है। कांग्रेस जीरो से आगे बढ़ जाए तो देख लेना। 1 साल का दर्द है 5 साल बाद यह सदन में नजर नहीं आएंगे। मैंने नेता प्रतिपक्ष को हमारे कामों की आलोचना करते हुए सुना है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि हमारी सरकार के सफर का 1 वर्ष हुआ है। यह तो 1 वर्ष का दर्द है 5 साल बाद सदन में यह लोग नजर नहीं आएंगे। इनकी संख्या बहुत कम होगी। यह नजर नहीं आएंगे और मेरी बात को लिख लीजिए। सीएम ने धारीवाल की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आप भी लिख लीजिए की 4 साल बाद सदन में नजर नहीं आएंगे। 

कांग्रेस ने किसान को 70 साल तक लूटा, भाजपा करेगी वादें पूरी
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि मैं किसान कौम से आता हूं और किसान के दर्द को जानता हूं। किसान को 70 साल तक लूटा गया। यह किसान का बेटा है जिस भाव और भावना से इस किसान के बेटे को समर्थन दिया है। मैं राजस्थान की 8 करोड़ जनता की बात को पूरा करके ही रहूंगा। यह किसान की बात सुनना नहीं चाहते। किसानों के मामले में जब इनका नेता ही झूठ बोलता है तो यह भी बोलेंगे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश की जनता ने कांग्रेस की विदाई बड़े धूमधाम से की। उपचुनाव में नेता प्रतिपक्ष, प्रदेश अध्यक्ष और उनके नेता को भी दिखा दिया, जवाब दें कितनी सीट आई। प्रदेश अध्यक्ष के बड़े-बड़े गमछे घूम रहे थे अब सीट पर नजर नहीं आ रहा है। यह तो बताओ मोरिया किसका बोला और कितनी बार बोला।

विपक्ष की रणनीति और भाजपा की आक्रामकता, रोचक हुआ सत्र
मुख्यमंत्री का यह बयान कि ‘डोटासरा के चक्कर में आ गए जूली’, यह दर्शाता है कि भाजपा विपक्षी एकता को तोडऩे और कांग्रेस में अंतर्विरोध को उजागर करने की रणनीति पर काम कर रही है। वहीं, कांग्रेस के लिए यह जरूरी होगा कि वह अपनी गुटबाजी को खत्म कर एक संगठित विपक्ष की भूमिका निभाए, वरना भाजपा अपने राजनीतिक एजेंडे को मजबूती से आगे बढ़ाने में कामयाब हो जाएगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा- कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई उबर कर बाहर आ रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा अभी सरकार का एक साल हुआ है तो विपक्ष का ये हाल है। चार साल बाद इनकी संख्या ना के बराबर होगी। 


सीएम भजनलाल का तंज: मोरिया किसका बोला? राजस्थान में पोपाबाई का राज नहीं
राजस्थान विधानसभा में सीएम भजनलाल शर्मा के निशाने पर कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा रहे। सीएम ने सदन में कहा कि डोटासरा को तय करना चाहिए कि वो किसके साथ हैं। हरियाणा की जनता के साथ या फिर राजस्थान की जनता के साथ। डोटासरा हरियाणा में चुनाव प्रचार के लिए गए थे। लेकिन उन्होंने कांग्रेस का घोषणा पत्र जाने से पहले नहीं पढ़ा था। यमुना का पानी राजस्थान के लोगों को मिलना चाहिए था। सीएम भजनलाल ने सदन में कहा कि गमछा घुमा रहे थे। सदन से वे चले गए पर उन्होंने ये नहीं बताया कि मोरिया किसको बोला। कितनी बार बोला है, अब हरियाणा की जनता ने भाजपा को समर्थन दे दिया है। अब यमुना का पानी डोटासरा जी नहीं रोक पाएंगे। उस पर राजस्थान के लोगों का हक है, वो राजस्थान को मिलेगा।

सदन में गूंजा मंत्री के फोन टैपिंग का मामला, सीएम के इस्तीफे की मांग
विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल शुरू के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने भजनलाल सरकार पर अपने ही मंत्री के फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए सदन में काली पट्टी बांध कर विरोध किया। विपक्ष वेल में आकर ‘मुख्यमंत्री इस्तीफा दो’ के नारे लगाए। दरअसल, सुबह 11 बजने के साथ जैसे ही विधानसभा की कार्रवाई शुरू हुई, विपक्ष काली पट्टी बांध कर सदन में पहुंचा। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि एक कैबिनेट मंत्री खुद कह रहे हैं कि उनका फोन टैप हो रहा है। अपने ही मंत्री का फोन टैप सरकार करा रही है। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री इस्तीफा दें। जूली की इस मांग पर सत्ता पक्ष की ओर संसदीय कार्यमंत्री जोगेश्वर गर्ग खड़े हुए और कहा कि कांग्रेस के साथी किस मुंह से ये सवाल उठा रहे है। ‘सौ-सौ चूहे खा कर हज पर जा रहे हो’ अपनी सरकार के मंत्रियों का फोन टैप करने का काम पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में हुआ है। हमारी सरकार इस तरह के काम नहीं करती है। इसके बाद सत्ता पक्ष के और भी मंत्री खड़े हो गए और उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को खारिज किया। विपक्ष के सदस्य मुख्यमंत्री इस्तीफा दो के नारे लगाते हुए वेल में आगे और जमकर हंगामा किया।

बजट सत्र के पहले चरण में वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत नहीं आए सदन में नजर
राजस्थान की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। यह 16 वीं विधानसभा का तीसरा सत्र है। इस सत्र का पहला चरण पूरा हो चुका है। सत्र के पहले चरण का अंतिम दिन बेहद हंगामेदार रहा है। सदन में बार-बार हंगामा होने के कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इस पूरे चरण में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत कहीं नजर नहीं आए। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी केवल एक ही दिन सदन में दिखाई दिए। कुल मिलाकर करीब पांच दिन चले सदन में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत एक बार भी नजर नहीं आए। गहलोत और राजे की अनुपस्थिति विधायकों के बीच चर्चा का विषय बनी रही। राजे ने एक दिन पहले झुंझुनूं जाकर शांकभंरी माता के दर्शन किए हैं।