जोबनेर पंचायत समिति की कई ग्राम पंचायतों में हुए पुनर्गठन एवं परिसीमन के खिलाफ एकजुट हुए स्थानीय निवासी, चक-जोबनेर, सुंडों की ढाणी व खिजुरिया गांव को यथावत रखने की मांग

जयपुर। जोबनेर पंचायत समिति की कई ग्राम पंचायतों में हुए पुनर्गठन एवं परिसीमन के खिलाफ एकजुट होकर ग्रामीणों ने बुधवार को उपखंड कार्यालय पर प्रदर्शन किया और जिला कलेक्टर के नाम उपखण्ड अधिकारी एवं विकास अधिकारी को अपनी आपत्तियां दर्ज करवाईं। ग्रामीणों ने चक-जोबनेर, सुंडों की ढाणी व खिजुरिया गांव को यथावत रखने की मांग की अथवा इन्हीं राजस्व गावों को पंचायत मुख्यालय बनाया जाने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि यदि मांगें पूरी नही होती हैं तो आगामी दिनों में पंचायत चुनावों का खुलकर बहिष्कार करेंगे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पंचायतों का पुनर्गठन नियम विरोध तरीके से किया गया है। नवगठित ग्राम पंचायत बंशीपुरा में बबेरवालों की ढाणी के राजस्व ग्राम सुण्डा की ढाणी को जोडऩे के विरोध में सेकड़ों ग्रामीण उपखण्ड कार्यालय पहुंचे और एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व पचायतों से आबादी तोडकर नवीन पंचायतों का गठन किया जा रहा है। जिसमें ग्राम बंशीपुरा विधानसभा क्षेत्र झोटवाड़ा तहसील जोबनेर में चार राजस्व ग्राम बशीपुरा, मेदपुरा, देवपुरा, सुण्डो की ढाणी को शामिल कर नवीन ग्राम पंचायत बंशीपुरा का गठन करने का विचार कर रही है। इस सम्बंध में राजस्व ग्राम सुण्डों की ढाणी में निवास करने वाले व्यक्तियों को ग्राम पंचायत बंशीपुरा में पहुंचने में लगभग 8 से 10 किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ेगी। जिसमें आवागन के लिये कोई भी प्रर्याप्त साधन उपल्बध नही है। तथा पक्की सडक जोबनेर होते हुऐ जिसकी दूरी लगभग 11 किलोमीटर तथा भोजपुरा कला होते हुए लगभग 10 किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ेगी। जबकी पूर्व पचायत बबेरवालों की ढाणी से राजस्व ग्राम सुण्डों की ढाणी की दूरी लगभग महज 2 किलोमीटर है। राजस्व ग्राम सुण्डों की ढाणी जो कि जोबनेर के पास रेनवाल रोड पर स्थित है। जिसकी आबादी 1593 दर्शाई गई है। यदि बंशीपुरा के स्थान पर राजस्व ग्राम सुण्डों की ढाणी में ग्राम पंचायत का गठन किया जाता है। तो बंशीपुरा, मेदपुरा, देवपुरा एवं सुण्डों की ढाणी का बीच सेन्टर रहता है। क्योंकि राजस्व ग्राम सुण्डों की ढाणी की जनता को 10 किलोमीटर जाने में बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में ग्राम सुण्डों की ढाणी को पंचायत बनाये जाये अन्यथा यथा स्थित रखा जाये। साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में राजस्व ग्राम सुण्डों की ढाणी को सेन्टर मानकर प्रपोजल तैयार किया गया था। 


ग्राम पंचायत मुरलीपुरा के राजस्व ग्राम चक जोबनेर को भीखावास में शामिल करने का विरोध
ग्राम पंचायत मुरलीपुरा के ग्रामीणों ने बताया कि राजस्व ग्राम चक जोबनेर ग्राम पंचायत मुरलीपुरा का एक राजस्व ग्राम है जिसको प्रस्तावित नई ग्राम पंचायत भीखावास में शामिल किया गया है। यह प्रशासनिक तौर से गलत निर्णय है क्योंकि चक जोबनेर ग्राम पंचायत के राजस्व ग्राम मुरलीपुरा की सीमा पर स्थित है। चक जोबनेर के कई ग्रामवासियों की जमीन चक जोबनेर, चिरनोटिया व मुरलीपुरा में भी स्थित है। चक जोबनेर को अगर भीखावास में शामिल किया जाता है तो ग्रामवासियों को रोजाना राजस्व व आमजन के कार्यों के लिये दोनों पंचायतों के चक्कर लगाने पड़ेगें जो कि किसी भी सूरत में ग्रामवासियों के हित में नहीं है और परेशानी व खर्चा बढ़ाने वाला है। मुरलीपुरा हमारे पास है पंचायत में काम करवाकर हम पंचायत समिति, तहसील, उपखण्ड कार्यालय में काम करवाने के लिये आसानी से पहुंच सकते हैं लेकिन अगर प्रस्तावित ग्राम पचायत में रखने पर पहले तो हमें 7 किमी विपरीत जाना पड़ेगा व उसके बाद में 12 किमी चल के जोबनेर आना पड़ेगा। 


ग्राम पंचायत करणसर के राजस्व ग्राम खिजुरिया के ग्रामीणों में भी आक्रोश
ग्राम पंचायत करणसर के राजस्व ग्राम खिजुरिया के ग्रामीणों ने भी उपखण्ड अधिकारी और ब्लॉक विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर बताया कि  पंचायतों के पुनर्गठन से नवसर्जित ग्राम पंचायत बासड़ी कला को मुख्यालय बना दिया गया है, इससे क्षेत्र की जनता में काफी असंतोष है। पहले भी परिसीमन में खिजुरिया को पंचायत बनाया गया था और नये परिसीमन में खिजुरिया से मुख्यालय हटाकर बासड़ी कला में स्थानांतरित करने से मुख्यालय अन्य गांवों से काफी दूर हो जाएगा और इस कारण अन्य गांवों का विकास कार्य धरातल पर नहीं उत्तर पाएगा। इस अवसर पर सरपंच तारामणि जैन, आरएलपी नेता जीवन सुंडा, जीएसएस अध्यक्ष रामलाल नेटवाल , मुकेश तिवाड़ी सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।