दुबई से लॉरेंस का गुर्गा धर लाए हमारे ‘दो सिंघम’...‘दिनेश एमएन और रविंद्र’ ने दिखाया खाकी का दम!
पहली बार दुबई जाकर गैंगस्टर को गिरफ्तार कर भारत लाई, पकड़ा गया लॉरेंस बिश्नोई का गुर्गा आदित्य जैन उर्फ टोनी, एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की जांबाजी
डब्बा कॉलिंग की जिम्मेदारी संभालता था आदित्य, एकतरफा प्यार में लगा केस, जेल में गैंगस्टर से हुई पहचान, किराना व्यापारी का बेटा बना गुंडा
जयपुर। राजस्थान पुलिस ने एक बहुत बड़ा कारनामा कर दिखाया है। पुलिस टीम को दुबई में छिपे एक गैंगस्टर को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली है। गिरफ्तार किए गए गैंगस्टर का नाम आदित्य जैन उर्फ टोनी है। वह पिछले कई वर्षों से फरार चल रहा था। उसके खिलाफ जान से मारने की धमकी देने, जबरन वसूली करने सहित कई संगीन धाराओं में मुकदमें दर्ज हैं। राजस्थान पुलिस पिछले कई महीनों से आदित्य जैन की तलाश में थी लेकिन विदेश भाग जाने के कारण पुलिस पकड़ नहीं पा रही थी। एडीजी क्राइम दिनेश एमएन के निर्देशन में पुलिस टीम ने यह कारनामा करके बड़ी उपलब्धि हासिल की है। गैंगस्टर पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार ने एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन किया था। राजस्थान के दबंग माने जाने वाले सीनियर आईपीएस दिनेश एमएन को इस टास्क फोर्स का प्रभारी बनाया गया। दिनेश एमएन के नेतृत्व में इस टास्क फोर्स ने कई गैंगस्टर को सलाखों के पीछे डाला। उन्हीं के निर्देशन में गठित टीम ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए दुबई में छिपे वांछित बदमाश आदित्य जैन उर्फ टोनी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। आदित्य जैन एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की हिट लिस्ट में शामिल था। राजस्थान पुलिस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब पुलिस टीम ने दुबई जाकर वांटेड मुल्जिम को ढूंढ निकाला। एडीजी क्राइम और एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के प्रभारी आईपीएस दिनेश एमएन ने बताया कि आदित्य जैन के विदेश भागने की जानकारी पुलिस को मिल चुकी थी। टेक्निकल टीम पिछले कई महीनों से उसकी लोकेशन खंगालने में जुटी थी। पिछले दिनों पता चला कि वह यूएई में कहीं छिपा हुआ है। डीआईजी योगेश यादव और एडिशनल एसपी नरोत्तम वर्मा की टीम ने इंटरपोल के मार्फत आरोपी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया। इससे पता चला कि वह दुबई में छिपा हुआ है। पुलिस टीम ने आरोपी की लोकेशन ढूंढ़ निकाली और सीबीआई के जरिए यूएई को इंटरपोल रेफरेंस भेजा गया। इसके बाद यूएई पुलिस अधिकारियों ने आदित्य जैन को हिरासत में ले लिया था।
राजस्थान पुलिस की टीम दुबई जाकर लाई टोनी को
यूएई के पुलिस अधिकारियों द्वारा आदित्य जैन को हिरासत में ले लिया था। इसके बाद राजस्थान पुलिस को सूचना देकर यूएई बुलाया गया। एडीजी दिनेश एमएन ने एक पुलिस टीम को यूएई रवाना किया। एडिशनल एसपी सिद्धांत शर्मा की अगुवाई में इंस्पेक्टर मनीष शर्मा, इंस्पेक्टर सुनील जांगिड़, इंस्पेक्टर रविंद्र प्रताप सिंह, सब इंस्पेक्टर कमलेश चौधरी, हैड कांस्टेबल रमेश और पुलिस कांस्टेबल सन्नी को दुबई भेजा गया। यह पुलिस टीम वांछित आरोपी आदित्य जैन उर्फ टोनी को लेकर शुक्रवार को जयपुर पहुंची। आदित्य जैन को जयपुर एयरपोर्ट से सीधे पुलिस मुख्यालय लाया गया। एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि दुबई में पकड़ा गया आरोपी आदित्य जैन उर्फ टोनी गैंगस्टर लोरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा गैंग का सबसे सक्रिय सदस्य था। यही आरोपी बड़े कारोबारियों को जान से मारने की धमकी देकर वसूली करने वाले गिरोह के लिए कंट्रोल रूम की भूमिका में काम कर रहा था।
कुचामन सिटी का रहने वाला है आदित्य, लॉरेंस गैंग के लिए करता था डब्बा कॉलिंग
गिरफ्तार आरोपी आदित्य नागौर जिले के कुचामन सिटी का निवासी है। वह दुबई में बैठकर गैंग के लिए इंटरनेट कॉलिंग और डब्बा कॉलिंग सिस्टम संचालित कर रहा था। दुबई पुलिस ने फरवरी 2025 में उसे हिरासत में लिया था। इसके बाद एजीटीएफ ने उसे गिरफ्तार किया और भारत लाया गया। एडीजी ने बताया कि आदित्य जनवरी 2024 में दुबई गया था और अप्रैल 2024 से लॉरेंस विश्नोई-रोहित गोदारा गैंग के लिए डब्बा कॉलिंग का कंट्रोल रूम चला रहा था। इससे पहले 2023 में एजीटीएफ ने गैंग के एक अन्य सदस्य अमरजीत विश्नोई को इटली से गिरफ्तार कराया था। अमरजीत की गिरफ्तारी के बाद गैंग की डब्बा कॉलिंग की जिम्मेदारी आदित्य ने संभाली। वह गैंग के लिए इंटरनेट कॉलिंग, फर्जी नंबरों से धमकी भरे कॉल, वारदातों की योजना बनाना, हथियारों की आपूर्ति और रकम का प्रबंध करने जैसे कार्य करता था। गैंग के सदस्य सीधे कॉल नहीं करते थे, बल्कि आदित्य के जरिए ही डब्बा कॉल से संपर्क करते थे।
कम उम्र में अपराध की दुनिया में रखा कदम, इकतरफा प्रेम ने पहुंचाया जेल
आदित्य पर पहला केस उसकी 17-18 वर्ष की उम्र में दर्ज हुआ था। वह एकतरफा प्रेम के चलते एक मामले में फंसा। उसके पिता कुचामन सिटी में किराना दुकान चलाते हैं। वह अपने पिता की इकलौती संतान है. बाद में वह चूरू जेल गया, जहां 2018 में उसकी मुलाकात वीरेंद्र चारण से हुई। वीरेंद्र वर्तमान में लॉरेंस-गोदारा गैंग का सदस्य है। वहीं से आदित्य की गैंग से नजदीकी बढ़ी। आदित्य गैंग की लगभग हर आपराधिक गतिविधि से जुड़ा रहा। वह रंगदारी वसूलने के लिए टारगेट किए गए लोगों के मोबाइल नंबर और अन्य निजी जानकारी इक_ा करता था। लॉरेंस विश्नोई के निर्देश पर वह व्हाट्सएप, सिग्नल या वीओआईपी कॉल के जरिए धमकी देता था। अगर रंगदारी नहीं मिलती थी तो बदमाशों को भेजकर टारगेट के घर या प्रतिष्ठान पर फायरिंग करवाई जाती थी। गैंग के सदस्य वारदात के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर डालते थे और उसकी जिम्मेदारी लेकर भौकाल बनाते थे।
टीम ने यूएई पहुंचकर दबोचा, विश्वस्त अधिकारियों को भेजा गया दुबई
यूएई की अथॉरिटी ने आदित्य जैन को हिरासत में लिया और राजस्थान पुलिस को एक टीम भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि एएसपी सिद्धांत शर्मा के नेतृत्व में एक टीम दुबई भेजी गई। इस टीम में सीआई रविंद्र प्रताप सिंह, सुनील जांगिड़, कमलेश, हेड कांस्टेबल रमेश और सन्नी शामिल हैं। यह टीम टोनी को लेकर जयपुर पहुंची। अब उससे पूछताछ और अनुसंधान किया जाएगा। दरअसल, पुलिस और दूसरी एजेंसियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये रहती है कि गिरोह के ज्यादातर एक्टिव मेंबर्स विदेश भाग गए हैं और वहीं रहते हुए गैंग को ऑपरेट कर रहे हैं।