राजस्थान में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने आज 24 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। दक्षिणी राजस्थान में लगातार हो रही तेज बरसात से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, सलूंबर और उदयपुर जिले में अत्यधिक भारी बारिश की आशंका को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया गया है। इन इलाकों में अगले 24 घंटे हालात और बिगड़ सकते हैं। बांसवाड़ा और डूंगरपुर में पिछले दो दिन से मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। नदियां-नाले उफान पर हैं और कई ग्रामीण इलाकों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। प्रतापगढ़ और सलूंबर में भी हालात बिगड़ने लगे हैं। वहीं उदयपुर जिले में भारी बारिश के रेड अलर्ट के अलावा मौसम विभाग ने पाली, नागौर, जोधपुर, डीडवाना-कुचामन, बाड़मेर, बालोतरा, कोटा, बूंदी, भीलवाड़ा, बारां और अजमेर जिले में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं चित्तौड़गढ़, झालावाड़, सिरोही और जालौर जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है। इन इलाकों में अति भारी बारिश की संभावना जताई गई है। राजधानी जयपुर में देर रात तेज बरसात हुई। जिसके बाद आज सुबह से बादल छाए हुए है। कई जगह रिमझिम बारिश का दौर जारी है। शहर में नमी बढ़ने के साथ मौसम खुशनुमा बना हुआ है। भारी बारिश को देखते हुए बूंदी, अजमेर, उदयपुर, भीलवाड़ा और कोटपूतली जिले में कक्षा 1 से 12 तक के स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। जिला प्रशासन ने सभी सरकारी व निजी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं। हालांकि शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल जाना होगा। धौलपुर में चंबल नदी खतरे के निशान से करीब 3 मीटर ऊपर बह रही है। प्रशासन ने नदी किनारे के गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। भीलवाड़ा और उदयपुर में भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। कई गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है। दौसा के लालसोट में मोरेल बांध से निकले पानी ने खतरा और बढ़ा दिया है। यहां कांकरिया एनीकट की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे बड़ा नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। जनजीवन प्रभावित है। कई निचले इलाकों में पानी भर गया है और प्रशासन को रेस्क्यू दल तैनात करने पड़े हैं।
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