पहलगाम हमले के बाद एक्शन मोड में आई सरकार ने पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका दे दिया। भारत ने चिनाब नदी पर बगलिहार और सलाल जलविद्युत परियोजनाओं पर जलप्रवाह को रोककर पाकिस्तान को साफ संकेत दिया कि सिंधु जल संधि निलंबित होने के बाद हम अपनी आवश्यकता के अनुसार बूंद-बूंद पानी का इस्तेमाल करेंगे। इसके साथ ही सरकार ने अब आधा दर्जन से अधिक जलविद्युत परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के लक्ष्य पर काम करना आरंभ कर दिया है। इन परियोजनाओं से अगले दो वर्ष में उत्पादन आरंभ होना था पर केंद्र सरकार इसे अतिशीघ्र पूरा करना चाहती है। अगर यह लक्ष्य पूरा हो जाता है एक बार इनके बैराज में जम्मू-कश्मीर से जाने वाली नदियों के पानी की हम बूंद-बूंद इस्तेमाल कर सकेंगे और साथ ही प्रदेश में बिजली उत्पादन में इजाफा हो सकेगा। पाकिस्तान की घेराबंदी में जुटी केंद्र सरकार ने पहले सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया था। उसके बाद अब रविवार को चिनाब नदी का जलप्रवाह बाधित कर वाटर स्ट्राइक की। नतीजा यह हुआ कि सोमवार सुबह तक चिनाब नदी में जलप्रवाह लगभग थम गया। पहली बार हुआ कि चिनाब नदी सूखी दिखाई दी। इससे पाकिस्तान में चिनाब पर बने पावर प्रोजेक्ट काफी हद तक प्रभावित हुए। हालांकि एक बार हमारे जल भंडार भर जाने के बाद पाकिस्तान को फिर से पानी जाना शुरू हो चुका है। जम्मू-कश्मीर को इसका तात्कालिक लाभ यह हुआ कि यहां कि बगलिहार, सलाल और दुलहस्ती परियोजनाओं में उत्पादन क्षमता के 80 प्रतिशत से अधिक पहुंच गया।
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