मदन राठौड़ बोले-जो भड़काने का काम करे-जनता उसका तिरस्कार करे:कोई भी हो

दो दिन पहले जयपुर में जामा मस्जिद के सामने हुई घटना को लेकर मदन राठौड़ ने कहा कि सबकी अपनी-अपनी आस्था हैं। किसी दूसरे की आस्था को चोट नहीं पहुंचे यह बहुत जरूरी हैं। इसका हम सब को विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।  उन्होने कहा कि हमारी अपनी पूजा पद्धति हैं, हम अपनी पूजा पद्धति से काम करें। हम उनका भी सम्मान करें, वह हमारा भी सम्मान करें। हम सब मिलकर के एक दूसरे की आस्था का सम्मान करें।  इसमें किसी को भड़काने का काम नहीं करना चाहिए और जो भड़काने का काम कर रहा है, तो जानता उसको तिरस्कृत करें। भड़काने का काम जो कोई भी करता है उसको बिल्कुल सम्मान नहीं दे, तो उसे अपने आप समझ में आ जाएगी कि मुझे ऐसा कृत्य नहीं करना चाहिए।

मैने बालमुकुंदचार्य को आगाह किया मदन राठौड़ ने कहा कि मैने पहले भी आगाह किया कि हमारे किसी भी नेता को, किसी भी कार्यकर्ता को ऐसा कोई काम नहीं करना है, जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे। किसी के सम्मान को ठेस पहुंचे। हम सभी धर्म का सम्मान करते हैं, सभी धार्मिक स्थलों का सम्मान करते हैं। जहां पर किसी के आस्था टिकी हुई है, उनका हम पूरा सम्मान करेंगे उनकी रक्षा भी करेंगे।    जब मुझे पता लगा तो सबसे पहले मैने मेरे विधायक को टेलीफोन करके आगाह किया। हालांकि उन्होने मुझे विश्वास दिलाया कि मेरी ऐसी कोई मंशा नहीं थी। मैं तो लोगों को रोकने के लिए गया था। लेकिन मेरा यह कहना था कि लोग जाए ही क्यों, जिससे उन्हें रोकने की जरूरत पड़े।  मैंने उनको कहा कि वे इसका प्रायश्चित करे, उन्होंने ऐसा ही किया, उन्होने खेद प्रकट किया हैं।

कांग्रेस के विधायक भी भड़काने का काम नहीं करें   मदन राठौड़ ने कहा कि उसके बाद अब घटना का पटाक्षेप हो जाना चाहिए था। लेकिन इसके बावजूद भी प्रतिक्रिया में कुछ लोग वहां एकत्रित होना चाहते थे, अच्छा हुआ कि वह एकत्रित नहीं हुए। नहीं तो स्थिति को कंट्रोल करना कठिन हो जाता हैं। जिससे बहुत बड़ी घटना भी हो सकती थी।

मैं उन दो कांग्रेस के विधायकों से भी यही आग्रह करना चाहूंगा कि किसी प्रकार का भड़काने का काम नहीं करे। हम जनप्रतिनिधि है, हमारा कर्तव्य बनता है कि हम शांति कायम करने में अपना योगदान दे।  यह एक ऐसा मामला है, जिसमें ना कांग्रेस है ना बीजेपी। सभी एकजुट होकर इस देश के उत्थान के लिए देश में शांति कायम हो और जो आतंकवादी हैं, उनको दंडित करने में अपना जो कुछ भी योगदान दे सकते हैं, देना चाहिए। इसमें राजनीति नहीं, इसमें राष्ट्रीय नीति है, इसके अलावा कोई नीति नहीं है।