दुर्लभ बीमारी से पीडि़त हृदयांश को मिली नई जिंदगी..क्राउड फंडिंग के जरिए लगा 17.50 करोड़ का इंजेक्शन


स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक दुर्लभ बीमारी से पीडि़त है हृदयांश, अमेरिका से आया जोल गेनेस्मा इंजेक्शन और जेके लोन अस्पताल में लगाया गया

जयपुर। जेके लोन हॉस्पिटल में मंगलवार को 23 महीने के हृदयांश को 17.50 करोड़ रुपए का इंजेक्शन लगाया गया। अस्पताल में रेयर डिजीज यूनिट के इंचार्ज डॉक्टर प्रियांशु माथुर और उनकी टीम ने यह इंजेक्शन लगाया। बच्चे को अमेरिका से मंगवाया गया जोल गेनेस्मा इंजेक्शन लगाया गया। हृदयांश स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक दुर्लभ बीमारी से पीडि़त है, जिसके इलाज के लिए इंजेक्शन की जरूरत थी। परिवार क्राउड फंडिंग के जरिए पैसे जुटाने में लगा था। दरअसल, हृदयांश के माता-पिता नरेश शर्मा और शमा की शादी 7 साल पहले हुई थी। बेटी शुभी (6) के बाद हृदयांश के जन्म से पूरे परिवार में खुशी थी। सिजेरियन डिलीवरी से हृदयांश का जन्म हुआ था। जन्म के समय हृदयांश को किसी तरह की परेशानी नहीं थी। 6 महीने तक वह अपनी बॉडी का अच्छा मूवमेंट करता था। 6 महीने बाद जब परिवार के लोगों ने किसी सहारे से खड़ा करने की कोशिश की तो वह खड़ा नहीं हो पाया था। इसके बाद बीमारी का पता चला था। इंजेक्शन लगाने के बाद डॉक्टर प्रियांशु माथुर ने बताया- इस बीमारी के कारण मसल्स में कमजोरी आने लगती है। बच्चे को चलने-फिरने में परेशानी होती है। सांस रुकने की भी संभावना रहती है। पहले भी दो बच्चों को थैरेपी दे चुके हैं। अब बच्चे को 24 घंटे ऑब्जर्वेशन में रखेंगे।
बच्चे के नाना नरेश कुंबज ने बताया- सभी का सहयोग करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। पुलिस अधिकारियों ने भी बेटा समझकर हृदयांश की मदद की। इस मुहिम में मदद करने वालों का धन्यवाद। अब बच्चे के स्वस्थ होने की दुआ करें। बच्चे के इंजेक्शन लगाने वाली टीम में डॉ. प्रियांशु माथुर, डॉ. गायत्री, डॉ. मनीषा गोयल, डॉ. आनंद और डॉ. लोकेश अग्रवाल शामिल रहे।

क्रिकेटर दीपक चाहर और सरफराज भी जुड़े थे मुहिम से
इस बीमारी की वजह से हृदयांश घुटनों के बल चल भी नहीं पा रहा था। परिवार को पता चला कि 17.50 करोड़ के इंजेक्शन से बेटे का इलाज हो सकता है, लेकिन इतने पैसे नहीं थे। इंजेक्शन खरीदने के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई गई। भारतीय क्रिकेटर दीपक चाहर और सरफराज खान ने भी हृदयांश की जान बचाने के लिए अपील की थी। दीपक ने वीडियो जारी कर कहा था- ‘राजस्थान पुलिस के इंस्पेक्टर नरेश शर्मा के बेटे हृदयांश को गंभीर बीमारी है। यह बीमारी दुर्लभ है। इसके इलाज का खर्च भी काफी महंगा है। मुझसे जितनी मदद हो सकेगी, मैं करूंगा।’ सरफराज ने कहा था कि राजस्थान पुलिस में कार्यरत इंस्पेक्टर के बेटे की तबीयत काफी खराब है। उसके इलाज के लिए करोड़ों की कीमत के इंजेक्शन की जरूरत है। सरफराज ने लोगों से ज्यादा से ज्यादा डोनेशन देने की अपील की थी।

सांसद-विधायक भी आगे आए थे, आखिरकार पूरी हुई मुहीम
भरतपुर सांसद रंजीता कोली ने पूरे मामले को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को आर्थिक सहायता देने के लिए पत्र लिखा था। वहीं, राजस्थान सरकार में मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर इंजेक्शन उपलब्ध करवाने के लिए कहा था। बयाना विधायक डॉ. ऋतु बनावत ने अपने विधायक कोष से हृदयांश के परिजनों को 21 लाख रुपए देने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा था। बता दें हृदयांश का परिवार अलवर के मसारी का रहने वाला है। हृदयांश के पिता नरेश शर्मा मनिया (धौलपुर) पुलिस थाने में एसचओ हैं। जो जयपुर में रहकर इलाज करवा रहे थे।